थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में पानी आ गया था थोड़ा कुछ खाने के बाद मैं घर से निकल आया था, माँ से पहले मेरे आँखों में ...
मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट खिलाती थी मैंने देखा था जब वो रोटी छिपा के लाती थी मुश्किल और गरीबी में भी मुझे भर पेट ...
अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है वह पल। अम्मा तेरा आंचल कितनी ही कहानी कहती है कुछ भूल गया हूं कुछ कुछ याद है...
माँ बिन जीवन है अधूरा, लगे सब खाली-खाली सूना-सूना । माँ बिन जीवन है अधूरा, लगे सब खाली-खाली सूना-सूना ।
कितना ही मुश्किल होता होगा अपनी बेटी को किसी और के घर विदा करना। कितना ही मुश्किल होता होगा अपनी बेटी को किसी और के घर विदा करना।
मां बुनती है बड़े जतन से स्वेटर अक्सर ठंडियों में। मां बुनती है बड़े जतन से स्वेटर अक्सर ठंडियों में।